“जलालो ज्ञान का दीप”
अखिल भारतीय युवा कुशवाहा समाज(भारत)
(कुशवाहा, सैनी,शाक्य,मौर्य, कोइरी , माली, दाँगी,महतो, आदि की प्रितिनिधि सभा)
मौर्य राजवंश
मौर्य राजवंश (३२२-१८५ ईसापूर्व) प्राचीन भारत का एक शक्तिशाली एवं महान राजवंश था। इसने १३७ वर्ष भारत में राज्य किया। इसकी स्थापना का श्रेय चन्द्रगुप्त मौर्य और उसके मन्त्री कौटिल्य को दिया जाता है, जिन्होंने नन्द वंश के सम्राट घनानन्द को पराजित किया। मौर्य साम्राज्य के विस्तार एवं उसे शक्तिशाली बनाने का श्रेय सम्राट अशोक को जाता है।
यह साम्राज्य पूर्व में मगध राज्य में गंगा नदी के मैदानों (आज का बिहार एवं बंगाल) से शुरु हुआ। इसकी राजधानी पाटलिपुत्र (आज के पटना शहर के पास) थी। चन्द्रगुप्त मौर्य ने ३२२ ईसा पूर्व में इस साम्राज्य की स्थापना की और तेजी से पश्चिम की तरफ़ अपना साम्राज्य का विकास किया। उसने कई छोटे छोटे क्षेत्रीय राज्यों के आपसी मतभेदों का फायदा उठाया जो सिकन्दर के आक्रमण के बाद पैदा हो गये थे। ३१६ ईसा पूर्व तक मौर्य वंश ने पूरे उत्तरी पश्चिमी भारत पर अधिकार कर लिया था। चक्रवर्ती सम्राट अशोक के राज्य में मौर्य वंश का बेहद विस्तार हुआ। सम्राट अशोक के कारण ही मौर्य साम्राज्य सबसे महान एवं शक्तिशाली बनकर विश्वभर में प्रसिद्ध हुआ।
मौर्य शासकों
की सूची
चन्द्रगुप्त मौर्य – 322-298 ईसा पूर्व (25 वर्ष)
बिन्दुसार – 298-273 ईसा पूर्व (25 वर्ष)
सम्राट अशोक – 273-232 ईसा पूर्व (41 वर्ष)
कुणाल – 232-224 ईसा पूर्व (8 वर्ष)
दशरथ मौर्य –232-224 ईसा पूर्व (8 वर्ष)
सम्प्रति – 224-215 ईसा पूर्व (9 वर्ष)
शालिसुक –215-202 ईसा पूर्व (13 वर्ष)
देववर्मन् – 202-195 ईसा पूर्व (7 वर्ष)
शतधन्वन् मौर्य – 195-187 ईसा पूर्व (8 वर्ष)
बृहद्रथ मौर्य – 187-185 ईसा पूर्व (2 वर्ष)
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